*उसकी चाहत कम नहीं होती*
2) *सच्चाई बड़ी कड़वी है,*
*सबको हजम नहीं होती..!*
3) *कुछ कह गए, कुछ सह गए,*
*कुछ कहते कहते रह गए.।*
4) *मै सही तुम गलत के खेल में*
*न जाने*
*कितने रिश्ते ढह गए*
5) *रिश्ते मौके के नही,*
*"भरोसे" के*
*मोहताज होते है.!*
6) *जब किसी को खोने की नौबत आ जाती है...!!!*
*तभी उसे पाने की क़ीमत समझ आती है...!!!*
7) *सोचा ना था कभी *
*ऐसी दोस्ती होगी,*
*साथ मेरे आप लोगों जैसी *
*हस्ती होगी,*
*जन्नत की गलियों के*
*ख्वाब क्यूँ देखूं,*
*अगर हम सारे दोस्त*
*साथ होंगे तो 2020 में भी*
*मस्ती होगी......*
😊😊😊😊😊
8) *कोई ना दे हमें खुश रहने की दुआ, तो भी कोई बात नहीं...*
*वैसे भी हम खुशियाँ रखते नहीं, बाँट *दिया करते है...!!!*
9) *हसरत थी की कभी दोस्त"भी हमे मनाये,पर*
*ये कम्ब्खत दिल कभी 'दोस्त' से रूठा ही नहीं"...*
10) *दिसंबर चल रहा है अब याद बिल्कुल भी मत आना.....*
*सुना है पुरानी चोट अक्सर सर्दियों में बहुत दर्द देती हैं !!*
11) *तुलना के खेल में मत उलझो,*
*क्योंकि इस खेल का कहीं कोई अंत नही..*
*जहाँ तुलना की शुरुआत होती है,*
*वही से आनंद और अपनापन खत्म होता है़:
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